Ramcharitmanas – रामचरितमानस

सीतारामगुणग्रामपुण्यारण्यविहारिणौ।
वन्दे विशुद्धविज्ञानौ कवीश्वरकपीश्वरौ॥

उद्भवस्थितिसंहारकारिणीं क्लेशहारिणीम्‌।
सर्वश्रेयस्करीं सीतां नतोऽहं रामवल्लभाम्‌॥

यन्मायावशवर्ति विश्वमखिलं ब्रह्मादिदेवासुरा
यत्सत्त्वादमृषैव भाति सकलं रज्जौ यथाहेर्भ्रमः।
यत्पादप्लवमेकमेव हि भवाम्भोधेस्तितीर्षावतां
वन्देऽहं तमशेषकारणपरं रामाख्यमीशं हरिम्‌॥

श्री राम, जय राम, जय जय राम

बंदउँ गुरु पद कंज कृपा सिंधु नररूप हरि।
महामोह तम पुंज जासु बचन रबि कर निकर॥5॥

॥ श्रीरामचरितमानस बालकाण्ड गुरु वंदना श्लोक ॥

The Manasa lake brimming over with the exploits of Shri Ram

Hindi Version Pdf : https://drive.google.com/file/d/13w0J-VV037NbaFv9NHM5GIM0kmZV2W-i/view?usp=sharing

English Version Pdf : https://drive.google.com/file/d/13sUGLDK7_XK50WhrjBHrd10SM9TzKyQE/view?usp=sharing

Full Sundarkand (सुंदरकांड):

Complete Ramcharitmans Recording (Including initial Aarti, Invocation) (Telegram channel) : https://t.me/ShriRamcharitmanas

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